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शीर्षक - पिंजरा कभी सुना है तुमने दोस्तों, उस तड़पते पंछी की पुकार, कभी देखा है तुमने, उस जीव को उछलते - कूटते, कैसा लगता होगा उस कैद में, पिंजरा नहीं ...